निगाहें और नशा छत पर निगाहों से शुरू हुआ ये नशा तेरा मयखाने में खत्म हुआ। ताउम्र तेरे वस्ल को रोता रहा दिल ख्वाब ये मेरा मय्यत पे पूरा हुआ।। #निगाहें_और_नशा