Nojoto: Largest Storytelling Platform

जिन मोहरों के भरोसे मेरी शिकस्त तलाश रहे हो, जिंदग

जिन मोहरों के भरोसे
मेरी शिकस्त तलाश रहे हो,
जिंदगी की बिसात पर
वो दांव पुराने थे।
नई चोटें मुझको
अब दर्द नहीं देती,
लहू रिसता है जिनसे 
वो घाव पुराने थे।
चमक धमक और 
चकाचौंध में गुम ही हो गए हैं,
जो दिल को दिल से जोड़ा करते थे,
वो भाव पुराने थे।
ऊंचे तो बहुत है पर
अंदर से खोखले हैं,
शहरों से कहीं बेहतर
वो गांव पुराने थे। जिन मोहरों के भरोसे
मेरी शिकस्त तलाश रहे हो,
जिंदगी की बिसात पर
वो दांव पुराने थे।
नई चोटें मुझको
अब दर्द नहीं देती,
लहू रिसता है जिनसे 
वो घाव पुराने थे।
जिन मोहरों के भरोसे
मेरी शिकस्त तलाश रहे हो,
जिंदगी की बिसात पर
वो दांव पुराने थे।
नई चोटें मुझको
अब दर्द नहीं देती,
लहू रिसता है जिनसे 
वो घाव पुराने थे।
चमक धमक और 
चकाचौंध में गुम ही हो गए हैं,
जो दिल को दिल से जोड़ा करते थे,
वो भाव पुराने थे।
ऊंचे तो बहुत है पर
अंदर से खोखले हैं,
शहरों से कहीं बेहतर
वो गांव पुराने थे। जिन मोहरों के भरोसे
मेरी शिकस्त तलाश रहे हो,
जिंदगी की बिसात पर
वो दांव पुराने थे।
नई चोटें मुझको
अब दर्द नहीं देती,
लहू रिसता है जिनसे 
वो घाव पुराने थे।