अक्सर एक सवाल हाँ अक्सर एक सवाल काफ़ी है काफ़ी है खुद को बदलने को परिवार बदलने को समाज बदलने को और काफी है बदलने को उन परिस्थितियों को परिस्थितियां जो तेरे अनुकूल नहीं अक्सर एक सवाल हाँ अक्सर एक सवाल काफ़ी है काफ़ी है तुम्हे गर्त से उठा बुलंदियों तक पहुँचाने को तेरे जज्बे को तेरा जुनून बनाने को और काफ़ी है तेरे ख्वाबों को स्वपनों की दुनियां से बाहर ला हक़ीक़त का संसार बनाने को अक्सर एक सवाल हाँ अक्सर एक सवाल काफी है तो उठाओ सवाल तब भी तब भी जब तुम गर्त में हो या तब जब तुम बुलंदियों पर हो क्योंकि अक्सर एक सवाल काफ़ी है तुम्हे गर्त में अपमान से बचाने को और शिखर पर अहंकार का रास रचाने को अक्सर एक सवाल काफ़ी है #nojoto #nojotoHindi #kavishala #kalakakshopenmicday9 #poetry