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ज़िंदगी दिसंबर सी हताश हो क्यों तुम, ये जिंदगी दिसं

ज़िंदगी दिसंबर सी हताश हो क्यों तुम,
ये जिंदगी दिसंबर सी।        
             सारी नदियां ठंडे है,
             फिर प्यासे हो क्यों तुम। #हतास
ज़िंदगी दिसंबर सी हताश हो क्यों तुम,
ये जिंदगी दिसंबर सी।        
             सारी नदियां ठंडे है,
             फिर प्यासे हो क्यों तुम। #हतास