एक दीया प्रेम का मन मे, हमने भी जलाया है। तब जाके ईश्वर से दीदार तुम्हारा पाया है। हालाकि मंजूर नही आपको, जो फरमान रब का आया है । क्या पता अपने मिलन को, खुद रब ने ही फुरसत से बनाया है। तुम्हें पाने की चाह नही, बस तुममें खुद को जगाया है।मेरे हर त्यौहार मे तू, मेरी खुशी बनकर आया है । माना की नजदीकी आपसे,मुमकिन नहीं हमारी , पर..... हमने अपकी दूरीयो को भी अपने हृदय मे वसाया है! ©Hema Shakya #शुभ_दीपावली #hemashakyastories #hemashakyaquotes #hemashakya