कल से सीखो कि, कल से सीख आज़ में जीना, जो चला गया कभी ना उसपे रोना, स्वागत उसका जो कल आयेगा, कभी घमण्ड ना कर तू भी कल की तरह जायेगा, कल कोई तुझसे भी बेहतर आयेगा, तू सिर्फ आज़ है, ना कल था और ना कल होगा।। #अंकित सारस्वत# #कल से सीखो