#नारी तु नारायणी.. नारी तुम स्वतन्त्र स्वरूप हो जीवन धनयन्त्र हो क़ाल के क़पाल पर लिखा सुखमन्त्र हो सुरभ़ित अस्तित्व की बनमाल हो जीवन की लय,सुर और तालमय संगीत की बरसात हो मधुरूची सें सिन्चित-सी कविता कमाल हो जीवन की छाया हो मोहभरी माया हो हरपल ज्यों साथ रहे ऐसा प्रेमासिक्त साया हो माता का मान और पिता का सम्मान हो भाई का अभिमान और बहन की जान हो पति की इज्ज़त और रिश्तो की शान हो हर युग मे पूजित हो सिर्फ पांच दिवस तुम दूषित हो जीवन को अन्कुर दे ऐसी उर्जित फुलमाला हो घर की मर्यादा हो प्रेमपूर्ण वादा हो प्रेम के सान्निध्य में खुशी का इरादा हो रंगभरी होली हो फ़गुनाई टोली हो प्रेमरस पगी-सी कोयल की मिठी बोली हो मन का अनुबन्ध हो प्रेम का प्रबन्ध हो जीवन की परिभाषित करता निबंध हो @शब्दभेदी किशोर ©शब्दवेडा किशोर #नारीशक्ति_नमस्तुते