पथ दर पथ बदलता जायें मनुष्य मार्ग क्यु भटकता जायें उस रास्ते का दीदार हो ना पायें जहाँ तु खुदको खुद ही मिल पायें वो मार्ग कहा तक है लेके जायें जो राह पाप की नगरी से जायें पथ दर पथ बदलता जायें मनुष्य समय संग जी ना पायें ©VAniya writer * #safar #safarlife #safarnama #Safar_E_Zindagi Nimble Limner (Jasmine Sun) Rajeev Bhardwaj लेखक #safarnama