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#OpenPoetry ताबीर से महरूम मेरे ....ख़्वाब बहोत है

#OpenPoetry ताबीर से महरूम मेरे ....ख़्वाब
बहोत हैं.....
छोटी है कहानी....मगर #बाब
बहोत हैं.....
हर मोड़ पर मिल जाते हैं #हमदर्द
हज़ारों.....
लगता है इस बस्ती में #अदाकार
बहोत हैं.....!!
#OpenPoetry ताबीर से महरूम मेरे ....ख़्वाब
बहोत हैं.....
छोटी है कहानी....मगर #बाब
बहोत हैं.....
हर मोड़ पर मिल जाते हैं #हमदर्द
हज़ारों.....
लगता है इस बस्ती में #अदाकार
बहोत हैं.....!!