महौल मुनासिब हो तो ऊपर नहीं जाते हम ताज़ा घुटन छोड़ के छत पर नहीं जाते देखो मुझे अब मेरी जगह से न हिलाना फिर तुम मुझे तरतीब़ से रखकर नहीं जाते दानिश नक़वी ©Anant Nag Chandan महौल मुनासिब हो तो ऊपर नहीं जाते हम ताज़ा घुटन छोड़ के छत पर नहीं जाते देखो मुझे अब मेरी जगह से न हिलाना फिर तुम मुझे तरतीब़ से रखकर नहीं जाते दानिश नक़वी