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हौसलो के कंधे झुके हुए थे रास्ते सारे रुके हुए थे।

हौसलो के कंधे झुके हुए थे
रास्ते सारे रुके हुए थे। 
एक रौशनी की चाहत थी,
दुनिया से मिली आहत थी।
खुद पर विश्वास था,
जूनून से भरा हर एक श्वास था।
रोज गिर कर भी खड़े हुए,
ये ज़िंदगी देख मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हुए।

©Asmita
  #hauslo_ke_kandhe..