कभी मेरी एक आह से तिलमिला जाते थे तुम बात ना हो दिन भर तो बदहवास हो जाते थे तुम एक झलक पाने को ही रात भर जागते थे तुम एक आवाज़ सुनने की खातिर घंटों बातें करते थे तुम घूम गया समें का चक्र बदल गया सारा जहां ना ही वो इंतज़ार है ना ही बात करने की तमा ©Anita #यादे #missUsoMuch