मिलकर आपसे ही जागा सोया मेरा भाग्य है। आप बहार हैं आप ही मेरी जीत का ख़िताब हैं, आपकी आरज़ू जगाता मैं शहर भर में फ़िर रहा हूँ, के नवाबों के शहर का भी मेरा दिल अब नवाब है। दौड़े चले अब आओ, मुझसे तन्हा चला न जाये, बेसब्री सर चढ़ी है आपको आना अब शिताब है। मेरी आँखों में सितारा, लगे जग बड़ा ही प्यारा, जबसे मेरे अमावस आसमां के हुए आप महताब है। साथिया ये साथ जो नया है, बंधन जन्मों का हुआ है, जीवन की पगडंडियों के हमदम आप हबाब है। मैंने रंग कई हैं ओढ़े पर लाल ही अब भाए, बिखरे पड़े सभी पन्ने, और मेरी आप क़िताब हैं। ♥️ Challenge-817 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।