नहीं हूँ मैं राधा, जो कान्हा संग रास रचाऊँ । नहीं हूँ मैं मीरा, जो कृष्ण प्रेम में मगन हो जाऊं ।। नहीं हूँ मैं किसी के कलम से रची कविता, जो कलम मिले कागज से, तो कोरे कागज पे रंगीन अल्फाज़ बन जाऊं । नहीं हूँ मैं उस चन्दा की चांदनी, जो रात के अन्धेरे में भी, जग को अपनी किरनों से नहलाऊँ ।। नहीं हूँ मैं कोई ख्वाब की परी, जो मीठी मीठी सपने दे जाऊं । हाँ, हूँ मैं मुरझाई सी वो कली, जो एक और सुबह की भी, उम्मीद न कर पाऊँ ।। #राधा #मीरा #कान्हा #ख्वाब #चान्द #YQdidi #yqbaba #yourquote #BoostThyself #Hindi #YoPoWriMo #Poem #poetry