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ये बेरुखी मौसम के रूख से मिलती नहीं नासाज़ से लगते

ये बेरुखी मौसम के रूख से मिलती नहीं
नासाज़ से लगते हैं मिजाज़ो तबीयत
ये भी मसल अच्छी रही मिलती नहीं फुरसत
या तमन्नाओं को कर दिया चुपचाप ही रुख़सत
बात दिल की थी धड़कन ज़ुबाँ आप थी
है ख़लिश आँखों में खोते एहसास की
 #selfdeception
ये बेरुखी मौसम के रूख से मिलती नहीं
नासाज़ से लगते हैं मिजाज़ो तबीयत
ये भी मसल अच्छी रही मिलती नहीं फुरसत
या तमन्नाओं को कर दिया चुपचाप ही रुख़सत
बात दिल की थी धड़कन ज़ुबाँ आप थी
है ख़लिश आँखों में खोते एहसास की
 #selfdeception