ये बेरुखी मौसम के रूख से मिलती नहीं नासाज़ से लगते हैं मिजाज़ो तबीयत ये भी मसल अच्छी रही मिलती नहीं फुरसत या तमन्नाओं को कर दिया चुपचाप ही रुख़सत बात दिल की थी धड़कन ज़ुबाँ आप थी है ख़लिश आँखों में खोते एहसास की #selfdeception