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सर्द हवाओं में शाम गुजारें, या सुबह की धूप में करे

सर्द हवाओं में शाम गुजारें,
या सुबह की धूप में करें सेकाई,
आन मिलो अब प्रियतम मेरे,
कटती नहीं है ये तन्हाई। R#A#Z
सर्द हवाओं में शाम गुजारें,
या सुबह की धूप में करें सेकाई,
आन मिलो अब प्रियतम मेरे,
कटती नहीं है ये तन्हाई। R#A#Z