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वो दोस्त भी नहीं रहे , ना रहीं वो शामें , ना

वो दोस्त भी नहीं रहे ,
     ना रहीं वो शामें ,
ना रहीं वो रातें ।
     खिलते वो चेहरे कहां ,
कहां वो सौगातें ।
     खुशियों के जाम कहां ,
कहां वो हंसी मुलाकातें ।
    धुंधला सा आसमां है ,
धूमिल सा अब ये जहां है ।।

रचना शर्मा "राही"
      वो महफ़िलें नहीं रहीं,
वो लोग भी नहीं रहे...
#महफ़िलें #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
वो दोस्त भी नहीं रहे ,
     ना रहीं वो शामें ,
ना रहीं वो रातें ।
     खिलते वो चेहरे कहां ,
कहां वो सौगातें ।
     खुशियों के जाम कहां ,
कहां वो हंसी मुलाकातें ।
    धुंधला सा आसमां है ,
धूमिल सा अब ये जहां है ।।

रचना शर्मा "राही"
      वो महफ़िलें नहीं रहीं,
वो लोग भी नहीं रहे...
#महफ़िलें #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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