पुराने राज होठो पर, चले आयेगें धीरे से। कि जो मरहम भी चोटो पर, लगा जायेगें धीरे से। अभी इक बेवफा का ही मिला है नाम पढ़ने को, नये कुछ नाम नोटो पर, लिखे जायेगें धीरे से... #dhire_se