•\गीत गाता चल ओ साथी गुन गुनाता चल/• गाने हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। चाहते ना चाहते हर दिन हमारे कान गानों को सुन ही लेते है। मेरे लिए भी गाने बेहद ज़रूरी है। मैं तो गानों के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकती। गानों ने मुझे बहुत कुछ दिया है इसलिए आज मैं भी गानों अथवा गीतों को कुछ कहना चाहूंगी। (पत्र अनुशीर्षक में) मेरे प्रिय गीत, मेरी तो सुबह भी तुमसे होती है और रात भी। अरे मैंने अपने अलार्म में भी तुम्हें ही तो जगह दी है। तुम्हीं मुझे सुबह उठने का प्रोत्साहन देते हो, तुम्हीं मुझे रात को मीठी सी थपकी भी। तुम्हारे बिना मैं अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकती। जब भी कोई मुझे याद करता है, उसका उनका संदेशा भी तुम है लाते हो। अरे मेरी रिंगटोन भी तो तुमसे ही है। मेरी ज़िन्दगी में सबसे पहली मुलाकात तुम्हारी छोटी बहन लोरी से हुई थी। बहुत ही प्यारी है वो। मैं जब भी रोती थी मां मुझे लोरी ही सुनती थी और मैं खुश हो