"तुझ संग बैर अब कैसा सरगोशी तो दिलों की हैं भेद दिन-रात सा ना हो तुझमें-मुझमें और तेरा इ़श्क रूख़सत मेरे नाम हो" ~©Reserved by #KISHAN KORRAM 09/11/2019 #"तुझ संग बैर अब कैसा सरगोशी तो दिलों की हैं भेद दिन-रात सा ना हो तुझमें-मुझमें और तेरा इ़श्क रूख़सत मेरे नाम हो" ~©Reserved by #KISHAN KORRAM 09/11/2019