नेत्र नहीं खोलूंगी मैं(अजनबी)✍🏼✍🏼✍🏼 मेरी अंतस की पीड़ाओं का हो जायेगा तुम्हें फिर ज्ञान मैं नहीं चाहती,कि तुम्हें हो मेरे बारे में कुछ भान मुझे हो गया है ज्ञात तुम वो नहीं हो मेरे लिये इसलिये नेत्र नहीं खोलूंगी मैं ... मैंने तो सौंप दिया था तुम्हें गुप्त वेद मन्त्र की तरह पीड़ा का भार जिसे हास रूप देकर, कर दिया तुमने लोगों पर न्योछावर बन गई हूं मैं अब स्वयं उसी पीड़ा की दासी इसलिये नेत्र नहीं खोलूँगी मैं--- फिर भी कहते हो खोल दो अपने नेत्र, हो जाने दो फिर से पीड़ा का ज्ञान पर नहीं खोलूंगी नेत्र, नहीं करने दूंगी तुमको कोई भी अनुमान मिलकर परिहास किया है तुमने,मेरा और मेरी पीड़ाओं का इसलिये नेत्र नहीं खोलूंगी मैं--- परिचित तो तब भी थे तुम मेरी अन्तस की पीड़ाओं से, मगर फिर भी रही मैं वंचित तुम्हारी स्नेहाशाओं से, सारा विश्वास खो कर ही तो मैंने एक अविश्वास पाया है इसलिये ने नहीं खोलूंगी मैं--- ©Richa Dhar #sunkissed नेत्र नहीं खोलूंगी मैं