जो तुम करोगे इज्ज़त नारी की तो वो शीतल पानी है, जो तुम करोगे बेईज्जत तो वो धधकती ज्वाला है, रहने दो उसे पानी बनकर पानी से जीवन है, जो बन गई ज्वाला तो मौत है। जो तुम करोगे इज्ज़त नारी की तो वो शीतल पानी है, जो तुम करोगे बेईज्जत तो वो धधकती ज्वाला है, रहने दो उसे पानी बनकर पानी से जीवन है,