आज का भजन एक नया प्रयोग किया है पदावली में दर्शन डाल कर। अगर अच्छा लगा तो आशीर्वाद दीजियेगा।। सीने में छिपा दर्द बाहर कैसे लाऊं मैं। काली रात में गगन उड़ता, पाखी घर कैसे लाऊं मैं सहमा सा रहता कोने में, घोर डर कैसे भगाऊँ मै उठ ताजगी पँखो को दूँ मैं, नई भोर कैसे लाऊं मैं सांपो को दूध पिलाया है, गलती दूध की बताऊं मैं छलके अश्रु कितने भी घने, आंखों से व्यर्थ बहाऊँ मैं संभाल श्याम प्यारे आ तुम, इनको इंसान बनाऊं मैं इंदु दर्द कितना सहे बता, रोऊँ या कि मुस्कराउँ मैं सारी दुनिया कहने को है, हकीकत कैसे दिखाऊँ मैं सीने में छिपा दर्द बाहर कैसे लाऊं मैं। सुरेश चौधरी 'इंदु' - 22 जनवरी 2021 ©सुरेश चौधरी आज का भजन #zindagikerang