जानवरों में करे ना शामिल, ना ही बंदों में, झूठी जिसने आग लगाई, होते दंगो में। दिखता कुछ दिखलाने वाले, छिपे नकाबो भी, गिनती भी उनकी शामिल है, केवल नंगो में। ©संजीव निगम "अनाम" #हिंदोस्तान