दुर्गा माँ, जगत जननी, आदिशक्ति, कल्याणकारी, करती हैं अंधकार रूपी, शक्तियों का विनाश। जिसके के हाथ में ही हो त्रिशूल, अत्याचारीओ पर आँखे करें क्रोधित, अपनी जीभ बाहर निकाल के, करे त्रिशूल से राक्षसों का वध। सृष्टि का आधार है सच, और माँ दुर्गा है सच का पर्याय, जब जब आई आपत्ति सृष्टि पे, माँ दुर्गा ने की रक्षा मनुष्य जाति की। पूजा जाता है जिसे देव स्थानों में, नव दिन की नवरात्रि में, करते हैं सब आराधना माँ दुर्गा की, और हर एक दिन में एक नया, स्वरूप ले कर देती है दर्शन, नव रूप का इस चैत्री नवरात्रि में। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-891 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ! 💐💐 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।