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दिन ,तारीख, समय और जगह जल्द मुकर्रर कर दो न, बहुत

दिन ,तारीख, समय और जगह जल्द मुकर्रर कर दो न,
बहुत भटक चुकी ये दरिया , अब सागर से मिलना है ...!

भोर की पहली किरण बन कर ,जरा छू दो न 
इस ' पागल ' को, सूर्यमुखी के , फूल के जैसे खिलना है ...!!

                                                      रोहित पागल पाल


                    The Poetry House #हिंदी शायरी #Romanticwords #specialWriter #NojotoInk
दिन ,तारीख, समय और जगह जल्द मुकर्रर कर दो न,
बहुत भटक चुकी ये दरिया , अब सागर से मिलना है ...!

भोर की पहली किरण बन कर ,जरा छू दो न 
इस ' पागल ' को, सूर्यमुखी के , फूल के जैसे खिलना है ...!!

                                                      रोहित पागल पाल


                    The Poetry House #हिंदी शायरी #Romanticwords #specialWriter #NojotoInk