चाहतों का मज़ा तो वो जाने ग़ालिब जिसने चांद को हथेली पर लिया हो उसे पूछो चाहते जीना सिखा जाती है जिस ने चाहा है किसी को इबादत की तरह वो पूजे उसे कृष्णा की तरह जो बसे राधा की तरह जो रहे दिल में उस शमा की तरह जो कभी बुझने ना दे आस की लो को,,,, एक ख़ूबसूरत #collab Cascade Writers की जानिब से। #चाहतोंकामज़ा #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi