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सुनो ना ..... प्रेम कल्पनाओं मे स्थित और खूबसूरत

सुनो ना .....
प्रेम कल्पनाओं मे स्थित 
और खूबसूरत लिखा गया

ये दाव पेच जो इंसानो के मस्तिष्क
को भरमाती है उसे कल्पनाओं मे
कभी अभिव्यक्त ही नहीं किया गया

बस दिल लिखता गया अथाह... 
अनन्त प्रेम... जिस से प्यासी रूह 
तृप्त होती गई

इंसान खुद जीने का सहारा ढूंढ लिया
और मिल गया "प्रेम " दिल के किसी
सम्वेदनशील डब्बे मे... बस उसे वहीं
पुचकारते हुए छुपाये रखा 

ब्रम्हाण्ड के लिए अर्थहीन था... 
पर समझा हुआ... परिपक्व रचना

हाँ...नहीं मिलेगा कल्पनाओं से परे "प्रेम "
बस तुम डूबना मत.... तैरते रहना उसके 
लहरों पर... और साहिल को बटोरते रहना

अभी भी भँवर तुम्हारे भूत और भविष्य 
के बीच खड़ा होगा...और तुम "प्रेम" को 
चुनना वर्तमान मे 

खामोशी जब अंतिम क्षण मे भ्रमण करेगी 
तुम उस क्षण खुद को मिटा कर सम्भाल 
लेना अनन्त "प्रेम " और हो जाना कहीं 
वशीभूत उसमे

©पूर्वार्थ #प्रेम
#कल्पना
सुनो ना .....
प्रेम कल्पनाओं मे स्थित 
और खूबसूरत लिखा गया

ये दाव पेच जो इंसानो के मस्तिष्क
को भरमाती है उसे कल्पनाओं मे
कभी अभिव्यक्त ही नहीं किया गया

बस दिल लिखता गया अथाह... 
अनन्त प्रेम... जिस से प्यासी रूह 
तृप्त होती गई

इंसान खुद जीने का सहारा ढूंढ लिया
और मिल गया "प्रेम " दिल के किसी
सम्वेदनशील डब्बे मे... बस उसे वहीं
पुचकारते हुए छुपाये रखा 

ब्रम्हाण्ड के लिए अर्थहीन था... 
पर समझा हुआ... परिपक्व रचना

हाँ...नहीं मिलेगा कल्पनाओं से परे "प्रेम "
बस तुम डूबना मत.... तैरते रहना उसके 
लहरों पर... और साहिल को बटोरते रहना

अभी भी भँवर तुम्हारे भूत और भविष्य 
के बीच खड़ा होगा...और तुम "प्रेम" को 
चुनना वर्तमान मे 

खामोशी जब अंतिम क्षण मे भ्रमण करेगी 
तुम उस क्षण खुद को मिटा कर सम्भाल 
लेना अनन्त "प्रेम " और हो जाना कहीं 
वशीभूत उसमे

©पूर्वार्थ #प्रेम
#कल्पना