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अफ़सोस जब मेरे मन के भावों से तू बिन बोले मुसकाएगी

अफ़सोस जब मेरे मन के भावों से 
तू बिन बोले मुसकाएगी।

और पतझड़ के मौसम में वर्षा 
छम - छम तुम्हे भिगोएगी।।

जो गर ना तू  उस दिन मुझसे 
इजहार प्यार कर पाएगी।

तू याद मुझे यों करके फिर,
अफ़सोस जता न पाएगी।। # अफ़सोस
अफ़सोस जब मेरे मन के भावों से 
तू बिन बोले मुसकाएगी।

और पतझड़ के मौसम में वर्षा 
छम - छम तुम्हे भिगोएगी।।

जो गर ना तू  उस दिन मुझसे 
इजहार प्यार कर पाएगी।

तू याद मुझे यों करके फिर,
अफ़सोस जता न पाएगी।। # अफ़सोस