तू सर भले ही काट दे मेरा, धड़ मगर लड़ता रहेगा, खून का एक एक कतरा भी इस माटी पे मिट के रहेगा, तू अगर गैर है तो शायद तूझे छोड़ भी दूँ, अपना बन के गर धोखा दिया तो सर तेरा कट के रहेगा।। #अंकित सारस्वत# #वफादारी