जीवन का हर लम्हा, मैने ख़ुशी से गुजारा था। अपने दम पर ही मैने, अपनी जिंदगी को संवारा था। निकला था कुछ सपनो को लेकर एक छोटे से गाँव से। हाँसिल की हर वो मंजिल,और पहचान बनाई अपने नाम से। पर एक वक्त आया ऐसा, जब लोग मुझसे जलने लगे। धीरे धीरे मेरे सपने, खत्म से होने लगे। पर मैं हारा नही फिर भी,और वक्त से लड़ना पड़ा। पर जब लड़ न सका परिस्थितियों से, तब फन्दे पर लटकना पड़ा। #shushant_ki_awaj By Rahul Sharma... #shushant_ki_awaj #shushant_singh_rajput