मेरे देश मेरे वतन तुझ पर कुर्बान, मेरा तन मन।। (पूर्ण कविता अनुशीर्षक में) मेरे देश मेरे वतन तुझ पर कुर्बान, मेरा तन मन।। तेरे लिए मैं जां से खेलूं। तेरे लिए हर दुख मैं सह लूं। तेरे लिए मिट मैं जाऊं। तेरे लिए मर मैं जाऊं। मेरे देश मेरे वतन