खड़ी हू अकेली तुम्हारे यादों के साथ कुछ यादें लबों पे हल्का सा मुस्कान लाती हैं और कुछ आंखों को नम करती हैं ।। जो भी हैं ये गुनगुनी सी धूप यादों को ताज़ा कर रही हैं ।। गुनगुनी धूप में ज़िंदगी के रंगों को अपने शब्दों में क़ैद करें लोगों के क्रिया कलाप फूल-पौधों, तितलियों, पंछियों के रंग-ढंग कामगारों के जोश और उमंग #गुनगुनीधूप