ना हसरत -ए-गुलाब महताब की जनाब ये दफन गुलशन पतवार हैं हमें चाहत है कांटे गुलज़ार की, दे ज़ख्म तो दे यादाश्त अपने अज़ीज की मेरी रचना से.. रिधिमा 🌹🌵 ना #हसरत-ए-गुलाब #महताब की जनाब ये #दफन गुलशन #पतवार हैं हमें चाहत है कांटे गुलज़ार की, दे ज़ख्म तो दे #यादाश्त अपने #अज़ीज की मेरी रचना से.. रिधिमा राय..