कैसी है कशमकश और ये कैसी बेडियाँ है जो जकड़ लेती हैं यूँ मुझे न ही इन्कार ही करने देती हैं मुझे न इजहार के काबिल ही बनाती हैं बस मौन रहकर घुट घुट कर जीना सिखाती हैं । #बेडियाँ 🖤