फ़रिश्ते लाए होंगे जमीं पर जिसे तुम वो खुदा की कारीगरी बेमिसाल लगती हो लफ्जो में बयां कसे करूं ये हुस्न तेरा ऐ मल्लिका–ए–हुस्न तुम बाकमाल लगती हो ✍️धर्मेंद्र बिष्ट #फ़रिश्ते लाए होंगे #जमीं पर जिसे तुम वो #खुदा की #कारीगरी #बेमिसाल लगती हो #लफ्जो में #बयां कसे करूं ये #हुस्न #तेरा ऐ #मल्लिका–ए–हुस्न तुम #बाकमाल लगती हो ✍️धर्मेंद्र बिष्ट