अल्फाज-ए- मोहब्बत समझें नहीं.. जज्बात-ए- मोहब्बत तो फिर वो क्या समझेंगे.. कोरा ही रहने दो इश्क़ का हर पन्ना तब तो. नसमझ है वो, कहाँ तक उन्हें तुम समझाते फिरोगे? #kora ishq