White किसी बुर्क़े के अंदर से, अगर सिंदूर निकलेगा। मुझे हैरत नहीं होगी, हिजाबी नूर निकलेगा। तबाही का ही जो वीणा, उठा रक्खा हो दुनिया में। हमेशा ही कोई मोमिन, यहाँ तैमूर निकलेगा। ©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #Sad_shayri #कविता_संगम