#villagelife औरत इश्क में*अल्हड़ की तरह होती है,वो सहरा में बेफिक्र*गजालो की तरह होती है//१
दुनियादारी न जानने वाला / वाली*वन*हिरण
नही पसंद अपने रिश्ते में मिलावट उसको,वो अपनी मुफलिसी में खुशहालो की तरह होती है//२
तब तक नही होती मुत्तासिर जब तक उसे अपनापन ना मिले,वो ऐसे मे अबुझे सवालो की तरह होती है//३
फिजूल फितने फसाद नहीं उसकी आदत में शुमार,वो अपनी पे आए तो*कमोबेश #shamawritesBebaak#writerdofindia