मैं कहीं खो गया हूँ बस इतना जानता हूँ बाहर नहीं अंदर कहीं भटक गया हूँ रास्ता पूछूं भी तो किससे मेरे सिवा कोई और दिखता भी नहीं उन गलियों में बस चंद ख्वाब हैं जो चिराग जलाए खड़े हैं बाहर मुझे ख़ुद से निकालने में जुटे हैं एक उम्मीद वफ़ा की दिखती है उन्हें मुझ में खुद जल के राख हो रहे हैं पल दर पल पर मुझ पागल का होंसला बनाये फ़िर रहे हैं वो जानते हैं दम घुट रहा है ख़ुद मे अब मेरा पता नहीं क्यूँ अब भी वो cpr पे cpr दिए जा रहे हैं, ❣️ #Failure #hindi_poetry #khayalat #pure_work_of_fiction #kuch_bhi #sa_bbr #nojoto_poetry