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मोहब्बत-ए-दर्द की, गर दवा बने, तो दिए जख्मो जैसी,

मोहब्बत-ए-दर्द की, गर दवा बने,

तो दिए जख्मो जैसी, सफा बने,

शराकत मेरी ही क्यू बने इसमें,

थी शामिल तू भी तो, तेरे लिए भी जफ़ा बने,

#_अल्फ़ाज़_# #शामिल
मोहब्बत-ए-दर्द की, गर दवा बने,

तो दिए जख्मो जैसी, सफा बने,

शराकत मेरी ही क्यू बने इसमें,

थी शामिल तू भी तो, तेरे लिए भी जफ़ा बने,

#_अल्फ़ाज़_# #शामिल