तन्हा सफर अब कटता नहीं। कोई किसी के लिए रूकता नहीं। जब साथ छोड़ दे हमसफर तो जिन्दगी का सफर भार बन जाता है। बीच मंझधार में फंस गई जिन्दगी न बेगानों में अपना और न अपनों में अपना कोई दिखता नहीं। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन् सिंह यादव की शायरी तन्हा सफर अब कटता नहीं।