थपकी से मां तुम सुलादोगी क्या... पिछले कई रातों से ठीक से सोई नहीं मैं, आज थपकी से मां तुम सुलादोगी क्या, ये आस पास की हर चीज देखती हूं तो परेशान हो जाती हूं, अपने आंचल के नीचे छुपा लोगी क्या मुझे आज अपने बचपन के कुछ किस्से दोहरा दोगी क्या, वो आम का बगीचा जहां तुम्हारे जेठ के महीने बीते थे, वो छत की धूप जिससे तुम्हारे सवेरे होते थे, कुछ वैसे ही सुकून की कहानियां सुना दोगी क्या, मन नहीं लगता मां अब कभी कभी इस जहां में किसी और जहां की कोई बातें बताओगी क्या, परियों की कहानियां फिर से सुनाओगी क्या, वो मेरे बचपन का किसा ही दोहरा देना, जब मैंने जिद में फ्रॉक के बदले भैया के जैसे कपड़े मांगे थे, आज फिर एक जिद करूं पूरा करदोगी क्या, अपना हाथ माथे पर रखकर बस नींद आने तक बालों को सहला दोगी क्या, चैन से सोने का दिल करता है बहुत मां थपकी से मां तुम सुलादोगी क्या... थपकी से मां तुम सुलादोगी क्या..... #mywritingmywords #mywritingmythoughts #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqhindiwriters #मां #sleepless