Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिल के उलझे तारों को सुलझाऊं कैसे, तुझको ज़िन्दगी

दिल के उलझे तारों को सुलझाऊं कैसे,
तुझको ज़िन्दगी में फिर से वापस लाऊं कैसे।

मेरे बिन तेरी सुबह नहीं थी, तेरे बिन मेरी रातें,
दिन थे वो कितने हसीं, सबकुछ भुलाऊं कैसे।

मन को तो बहलाया जाए, दिल का क्या करूं,
ये दिल बड़ा ज़ालिम है, इसको समझाऊं कैसे।

तुझको मैंने रब था माना, तूने विश्वास है तोड़ा,
तेरी खातिर रब को रूठाया, तू ही बता मनाऊं कैसे।

इश्क़ में सब मिट जाते, "महिमा" को भी मरना है,
इन्हीं उलझे तारों से फांसी मैं लगाऊं कैसे।। •| ग़ज़ल |•
दिल के उलझे तारों को सुलझाऊं कैसे,
तुझको ज़िन्दगी में फिर से वापस लाऊं कैसे।

मेरे बिन तेरी सुबह नहीं थी, तेरे बिन मेरी रातें,
दिन थे वो कितने हसीं, सबकुछ भुलाऊं कैसे।

मन को तो बहलाया जाए, दिल का क्या करूं,
दिल के उलझे तारों को सुलझाऊं कैसे,
तुझको ज़िन्दगी में फिर से वापस लाऊं कैसे।

मेरे बिन तेरी सुबह नहीं थी, तेरे बिन मेरी रातें,
दिन थे वो कितने हसीं, सबकुछ भुलाऊं कैसे।

मन को तो बहलाया जाए, दिल का क्या करूं,
ये दिल बड़ा ज़ालिम है, इसको समझाऊं कैसे।

तुझको मैंने रब था माना, तूने विश्वास है तोड़ा,
तेरी खातिर रब को रूठाया, तू ही बता मनाऊं कैसे।

इश्क़ में सब मिट जाते, "महिमा" को भी मरना है,
इन्हीं उलझे तारों से फांसी मैं लगाऊं कैसे।। •| ग़ज़ल |•
दिल के उलझे तारों को सुलझाऊं कैसे,
तुझको ज़िन्दगी में फिर से वापस लाऊं कैसे।

मेरे बिन तेरी सुबह नहीं थी, तेरे बिन मेरी रातें,
दिन थे वो कितने हसीं, सबकुछ भुलाऊं कैसे।

मन को तो बहलाया जाए, दिल का क्या करूं,
mahimajain6772

Mahima Jain

New Creator