क्या लिखूँ दवा कर आग सीने में राख मैं हो नहीं सकता मैं सल्तनत के सौख में मुर्दा बन रह नहीं सकता शुकूँ के पल मिले खैरात में ये मुमकिन कहाँ है मैं वो शख्स हूँ जो खाव में डूबा रह नहीं सकता। ©सौरभ अश्क #think #Possetive #selfcare #Attitude #Love #Respect🙏 #PoetInYou