ये तो इंसान की फितरत मैं है । खुद के बनाये रस्म रिवाजो....... ....…...की बंदिशो मैं, खुद को जकड़ने की इस समय के चक्र मैं खुद के फसने की बीते कल की यादों को आने वाले कल की चिंताओ मै बदलने की ये तो इंसान की फितरत मैं है । रस्म , रिवाजो मैं खुद को जकड़ने की.... nojotodiraies