बेअसर हो चुकी है अब बातें सारी , मुमकिन नहीं है अब मेरा पहले जैसा हो जाना , मुसाफिर कल भी था और आज भी हूँ , कल तक अपनो की तलाश में था , आज खुद की तलाश मे हूँ । #बंजारा ©Pradeep Kumar Mishra #बंजारा