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तन्हाइयों के चादर में याद कर तुझे गर्द-ए-मलाल में

तन्हाइयों के चादर में याद कर तुझे गर्द-ए-मलाल में जलती हूँ,  
पर तु मौज़-ए-ख़्वाब में जीता हैं और हवा-ए-ग़म को मय बना पीता हैं ! When sorrow turns into anger and agony.
तन्हाइयों के चादर में याद कर तुझे गर्द-ए-मलाल में जलती हूँ,  
पर तु मौज़-ए-ख़्वाब में जीता हैं और हवा-ए-ग़म को मय बना पीता हैं ! When sorrow turns into anger and agony.