जिनकी जरूरतें कभी ख्वाहिशें पूरी करते-करते उम्र गुजार दी ये सोचते सोचते "कहीं कुछ रह तो नहीं गया"! बड़े होकर उन्हें भी सोचना चाहिए उनके लिए "कहीं कुछ रह तो नहीं गया"! ©Shalini Nigam #माँ #Love #Life #writer #Shayari #Thoughts #poem