मैं मर ही गया तो क्या, पाकिस्तान तो जिन्दा है ! गरीब घर का पैदाइस था, भविष्य किसका होता पता नहीं ! खैर मेरे मरने से सत्ता पे क्या फर्क पड़ेगा, पाकिस्तान तो जिन्दा है ! मैं मर रहा था, गलती किसकी थी? उस गरीब माँ-बाप की या, उस व्यवस्था की जिसके कारण मैं गरीब घर मे पैदा हुआ ! खैर फर्क क्या पड़ता है, पाकिस्तान तो जिन्दा हैं ! चुनाव फिर होंगे हमें कोई क्यों याद करेगा, क्यूंकि पाकिस्तान तब भी जिन्दा रहेगा, और देश के तथाकथित राष्ट्रवादी ! राष्ट्रवादी यही तो बताते हैं कि पाकिस्तान को मार देंगे, और इस अंधी में ना जाने देश के कितने वेकसुरो और उन बच्चों को जो अपने सपने को तोतली आवाज़ से उकेरते हुए चल दिए ! वंहा जँहा ना कोई सपना होगा और ना ही कोई पाकिस्तान बस होंगे तो धरती पे बिलखते हुऐ उनके माँ और बाप ~आनंद (सौरभ कुमार ) #मुजफ्फरपुर, हर साल इंसेफेलाइटिस से होने वाली बच्चो की मौत और देश की स्वास्थ्य व्यवस्था ।